गलत तरीके से किया गया सैरात की बंदोबस्ती, समाजसेवियों ने जताया ऐतराज
सैरात की बंदोबस्ती में मुख्य पार्षद के बदले उनके पुत्र के सशक्त कमेटी के बैठक में भाग लेने पर उपमुख्य पार्षद, वार्ड पार्षद एवं समाजसेवियों ने जताया ऐतराज
मधेपुरा/ बिहार: – उदाकिशुनगंज नगर परिषद कार्यालय में पिछले दिनों शनिवार 7 अक्टूबर को सैरात की बंदोबस्ती को लेकर सशक्त कमेटी की बैठक आयोजित की गई थी जिसमें मुख्य पार्षद अनुसूया देवी के बदले उनके पुत्र टीपू मिश्रा बैठक में पहुंचे थे जिसको लेकर नगर परिषद के उपमुख पार्षद मिकी कुमारी, वार्ड पार्षद नित्यानंद यादव, मोहम्मद फारूक, समाज सेवी रणजीत कुमार राणा आदि ने एतराज जताया है। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए ईओ पर तंज कसते हुए कहा है कि सशक्त कमेटी की बैठक में मुख्य पार्षद के बदले उनका पुत्र क्यों। समाजसेवी रंजीत कुमार राणा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके कहा कि मुख्य पार्षद के बदले उनके पुत्र का बैठक में आना, बैठक से उपमुख्य पार्षद का गायब रहना, बड़ा सवाल खड़ा करता है। यह महिला आरक्षण पर कुठाराघात है। जब चुनाव जीतकर महिला आई है तो बैठक में उनके बदले उनके पुत्र का आना और हस्ताक्षर पंजी पर बाद में जीते हुए प्रतिनिधि का हस्ताक्षर होना यह नगर परिषद के लिए दुर्भाग्यपूर्ण मामला है। सैरात की डाक को लेकर स्थानीय समाचार पत्र में निविदा नहीं निकाला गया जिसके चलते आम लोग निविदा में भाग नहीं ले पाए। गलत तरीके सैरात की बंदोबस्ती की गई। वही उपमुख्य पार्षद मिकी कुमारी ने बताया कि सैरात की बंदोबस्ती को लेकर हमें किसी भी प्रकार की सूचना नहीं दी गई थी। हम जब अपने निजी कार्य से कार्यालय पहुंचे तो हमने देखा की सैरात की बंदोबस्ती हो चुकी है। सशक्त कमेटी के बैठक में मैं भी एक सदस्य हूं बावजूद बगैर हमारे जानकारी के सैरात कि बंदोबस्ती की गई। जबकि बैठक में मुख्य पार्षद के बदले उनका प्रतिनिधि वहां मौजूद था जो कि न्याय संगत नहीं है। नियमानुसार मुख्य पार्षद ही बैठक में भाग ले सकते हैं। वहीं वार्ड पार्षद नित्यानंद यादव ने कहा कि मुख्य पार्षद के बदले उनके प्रतिनिधि का बैठक में भाग लेना बेहद निंदनीय है। कार्यपालक पदाधिकारी सुजीत कुमार के द्वारा निर्गत पत्र के मुताबिक 7 अक्टूबर शनिवार के दिन राजस्व हाथ दुर्गा स्थान के बंदोबस्ती का डाक होना था 9 अक्टूबर सोमवार को रहटा चौक राजस्व हाट उदाकिशुनगंज के बंदोबस्ती का डाक होना था तो वहीं 11 अक्टूबर बुधवार को फूलोंत चौक एवं कला भवन के सामने टेंपो ई रिक्शा तथा छोटी सवारी गाड़ी का डाक होना था। बावजूद किस परिस्थिति में तीनों डाक 7 अक्टूबर को ही फाइनल कर दिया गया। जिसके चलते नगर परिषद के लोगों द्वारा कार्यपालक पदाधिकारी और मुख्य पार्षद प्रतिनिधि पर मनमानी का आरोप लगाया जा रहा हैं। वहीं वार्ड पार्षद मोहम्मद फारूक ने बताया कि मैं भी सशक्त कमेटी का सदस्य हूं बावजूद मुझे किसी भी प्रकार की सूचना नहीं दी गई। हमारे अनुपस्थिति में सशक्त कमेटी के बैठक द्वारा सैरात की बंदोबस्ती की गई जो सरासर गलत है। नगर परिषद के कार्य प्रणाली पर किसी का अंकुश नहीं है नगर परिषद पूरी तरह से बिचौलियों के अंकुश में है।
एक ही तिथि में सैरात के डाक फाइनल करने के मामले में कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि जो भी हुआ है वह नियमानुसार न्याय संगत तरीके से किया गया है। हमने राज्य स्तरीय दो दैनिक अखबार में निविदा निकाली थी चिट्ठी को छोड़ दीजिए उसमें क्या लिखा है उस पर नहीं जाना है।