लालू प्रसाद यादव ( संवाददाता, नवादा )
नवादा:- जिलाधिकारी श्रीमती उदिता सिंह ने बताया कि जिले में डेंगू की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन सजग एवं सतर्क है। उन्होंने बताया कि इस मौसम में डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है। विभिन्न प्रखंडों में 12 से अधिक रोगियों को चिन्हित किये गए हैं, जिनका बेहतर ईलाज की सुविधा दी जा रही है। उन्होंने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए जल जमाव होने नहीं दें। इसके लिए गमला का पानी, टायर, कुलर, फ्रीज आदि के पानी का नियमित रूप से सफाई करते रहें। इससे मच्छर की संख्या बढ़ सकती है। डेंगू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा लागातार विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। डेंगू रोग एडीस मच्छर के काटने से होता है, जो प्रायः दिन में ही काटते हैं। इससे बचने के लिए मच्छरदानी या एन्टी क्रीम तथा पूरे शरीर को ढ़कने वाले कपड़े का प्रयोग अवश्य करें। बच्चों को भी स्कूल भेजने के पूर्व फूल सर्ट, फूल पैंट, जूता आदि अवश्य पहनायें। उन्होंने बताया कि डेंगू का सिमटम देखें तो तुरंत सदर हाॅस्पीटल/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में यथाशीघ्र जाॅच करायें। यह जाॅच सदर हाॅस्पीटल एवं सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क की जा रही है।
विद्यालय एवं महाविद्यालय में डेंगू नियंत्रण मानकों को लागू करने का निर्देश दिया गया है, जिससे कि छात्र/छात्राओं में डेंगू का प्रसार रोका जा सके। डेंगू के प्रसार पर नियंत्रण के लिए जन सहभागिता, अन्तर विभागीय समन्वय एवं टीम की भावना से काम करना होगा।
सिविल सर्जन डाॅ0 श्रीमती निर्मला कुमारी ने बताया कि सदर हाॅस्पीटल में 1000 और अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में एक-एक सौ रैपिड डायग्नोस्टिक कीट उपलब्घ कराया गया है। उन्होंने कहा कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में रैपिड रिस्पाॅन्स टीम को सतत् सक्रिय रखने का निर्देश दिया गया है। नगर परिषद/नगर पंचायत को विषेष अभियान चलाकर फागिंग कराने का निर्देश दिया गया है और जल जमाव को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाने को कहा गया है।
जिलाधिकारी ने कहा कि छात्र/छात्राओं को डेंगू के प्रकोप से बचाना अत्यन्त आवश्यक है। सभी विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में हेल्थ एडवाईजरी का अनुपालन करने का निर्देश दिया गया है। सभी शैक्षणिक संस्थानों में साफ-सफाई की उत्कृष्ठ व्यवस्था करायें। नालों में पर्याप्त मात्रा एन्टी लार्वा रसायन का नियमित छिड़काव करने का निर्देश दिया गया है। डेंगू को नियंत्रित करने के लिए संदिग्ध मरीजों पर निगरानी रखना आवश्यक है। इसके लिए सूक्ष्म कार्य योजना बनाया गया है। डेंगू के प्रसार को रोकने के लिए जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है।
डेंगू – कराण और लक्षण:-
डेंगू बीमारी एडीज नामक मच्छर के काटने से होती है जो प्रायः दिन में काटता है।
डेंगू के लक्षण:-
* अचानक सिर में तेज दर्द और बुखार
*मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना
* आॅखों के पीछे दर्द होना, जो कि आॅखों को घुमाने से बढ़ता है।
*गंभीर मामलों में नाक, मुॅह, मसूड़ों से खून आना
*त्वचा पर चकते उभरना
बचाव के उपाय:-
*कुलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने का पानी का बर्तन, फ्रीज की ट्रे, फूलदान को नियमित रूप से साफ करें और धूप में सुखाकर प्रयोग करें।
* नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन, टायरों में पानी जमा नहीं होने दें।
* घरों के दरबाजे एवं खिड़कियों में जाली/पर्दा लगायें।
डेंगू की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध है।