गैरकानूनी-जुगाड़ तंत्र के सहारे फल-फूल रहा नर्सिंग होम का अवैध कारोबार - News Point Hindi
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गैरकानूनी-जुगाड़ तंत्र के सहारे फल-फूल रहा नर्सिंग होम का अवैध कारोबार

  •  गैरकानूनी-जुगाड़ तंत्र के सहारे फल-फूल रहा नर्सिंग होम का अवैध कारोबार
  • क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट का हो रहा उल्लंघन                 मधेपुरा/बिहार:- उदाकिशुनगंज अनुमंडल में अवैध नर्सिंग होम और लिंग जांच केंद्र का जाल फैलता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करना नहीं चाहता है क्योंकि यह मोटी कमाई का जरिया माना जाता है। शहर में कई अवैध नर्सिंग होम संचालित हैं, विभिन्न मुहल्लों की बात तो दूर पीएचसी के आसपास हीं कई अवैध नर्सिंग होम आबाद हैं जहां नेटवर्क के सहारे गांव-देहात से मरीजों का लाया जाता है फिर उससे समुचित इलाज के नाम पर आर्थिक दोहन किया जाता है।

अवैध नर्सिंग होम का गढ़ बनता जा रहा है उदाकिशुनगंज, विभाग मौन

अवैध निजी नर्सिंग होम का रैकेट उदाकिशुनगंज में खूब फल-फूल रहा है। स्वास्थ्य महकमा और अफसर यहां कार्रवाई करने का मन हीं नही बना पाते हैं। नतीजतन शहर में अवैध नर्सिंग होमों को संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है। विभागीय उदासीनता का खामियाजा मरीज और तीमारदार झेल रहे हैं।
स्वास्थ्य महकमा की उदासीनता के कारण उदाकिशुनगंज में अवैध नर्सिंग होम का मकड़जाल फैला हुआ है। ऐसे नर्सिंग होम में मरीजों की सुविधाएं कम शोषण अधिक होता है। इलाज के नाम पर लूट मची हुई है।
हम नहीं सुधरेंगें कुछ इसी तर्ज पर शहर के विभिन्न स्थानों में अवैध नर्सिंग होम एवं जाँच केंद्र का संचालन किया जा रहा है। एक तरफ कोरोना को लेकर आम अवाम के प्रति स्वास्थ्य को लेकर शासन और प्रशासन पूरी तरह फिक्रमंद है तो दूसरी ओर शहर के पीएचसी के आसपास हीं अवैध नर्सिंग होम बेधड़क संचालित हैं। जहां फर्जी चिकित्सक अपना धंधा चमकाने में लगे हैं।

  • जुगाड़ तंत्र के आगे सारे सिस्टम फेल
    प्रसूति महिलाओं से लेकर नवजात बच्चे व भ्रूण पर इनकी नजर रहती है. खासकर कन्या भ्रूण के मामले में हत्यारा साबित हो रहे ऐसे अवैध नर्सिंग होम वकायदा जुगाड़ तंत्र के सहारे कारोबार की पूरी व्यवस्था कर रखा है। अवैध संचालकों के जुगाड़ तंत्र के आगे सारे सिस्टम फेल साबित हो रहे हैं।
    सदर अस्पताल के आस-पास से लेकर शहर के विभिन्न हिस्सों में संचालित दवा की छोटी -बड़ी दुकानों तक इनके एजेंट तैनात होते हैं जो गांव-देहात से आने वाले भोले-भाले लोगों को बरगलाकर अवैध नर्सिंग होम तक मरीज और उनके अभिभावकों को पहुंचा देते हैं। पूरा सिस्टम कमीशनखोरी की जाल से जकड़ा हुआ है। खबर के अनुसार दलालों को इसके एवज में प्रति मरीज 2 हजार रुपये से 5 हजार रुपए तक कमीशन दिये जाते हैं। सूत्र बताते हैं कि अवैध नर्सिंग होम के संचालकों के तार पीएचसी के कुछ कर्मियों से जुड़े हुए हैं जिनके माध्यम से बेहतर इलाज के नाम पर मरीजों को अवैध नर्सिंग होम तक पहुंचा दिया जाता है। पूर्व में इसके खिलाफ कुछ लोगों ने आंदोलन भी किया था।पटेल चौक स्थित पेट्रोल पंप के समीप जीवन ज्योति नर्सिंग होम पूर्णतः अवेद्ध रूप से संचालित किया जा रहा है ।बिना पंजीयन बिना लाइसेंस के नर्सिंग होम का संचालन हो रहा है।मेडिकल भी बिना लाइसेंस के संचालित किया जा रहा है।बताया जाता है कि सीएस मधेपुरा कार्यालय में इनलोगों का पहुँच पैरबी है।झोलाछाप डॉक्टर से मरीज का ऑपरेशन कराया जाता है।
  • कई बार हुई छापेमारी, पर खेल जारी 
    उक्त अवैध कारोबार के विरुद्ध पूर्व के दिनों में कई बार प्रशासनिक स्तर से छापेमारी की गयी। कुछ दिनों तक शांत रहने के बाद नर्सिंग हेाम के संचालक फिर से अपना पांव पसारना शुरू कर देते हैं। वर्तमान में शहर में सदर अस्पताल आसपास, दर्जनों अवैध नर्सिंग होम का संचालन किया जा रहा है। पूर्व के दिनों में ऐसे नर्सिंग होम को सील तक किया जा चुका है ।

क्या है नर्सिंग होम एक्ट                                            नर्सिंग होम एक्ट एक्ट के तहत नर्सिंग होम में आने वालों को सुविधाएं और सेवाएं देनी होती है ।विशेषज्ञ चिकित्सक के अलावा निपुण स्वास्थ्य कर्मी की व्यवस्था होनी चाहिए। लेखा-जोखा का भी हिसाब रखना होता है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इसके विधिवत संचालन से लोगों को चिकित्सा क्षेत्र में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना होता है। लाइसेंसी नर्सिंग होम के संचालन से अवैध नर्सिंग होम पर नियंत्रण होता है।
नियमों का उल्लंघन करने पर लाइसेंस रद्द करने का भी प्रावधान है। यहां के लोगों को चिकित्सा पदाधिकारी और सिविल सर्जन से काफी उम्मीदें हैं. लोगों में आशा है कि सिविल सर्जन अवैध नर्सिंग होम के संचालन पर पूरी तरह नकेल कसने में सफल होंगे.
सरकारी नियमानुसार अस्पताल के आसपास किसी भी निजी क्लीनिक का संचालन अवैध है। सरकार द्वारा इस बाबत अधिसूचना भी जारी की गई है। बावजूद इसके सदर अस्पताल के इर्द-गिर्द ही दर्जनों निजी क्लीनिक, नर्सिंग होम, अल्ट्रा साउंड, एक्सरे और जांच घरों का संचालन हो रहा है।

कई छात्र संगठनों एवं समाजसेवियों ने सही तरीके से शहर के एक-एक क्लीनिक की जांच कराने की मांग की है। वहीं फर्जी पाए जाने पर कार्रवाई की मांग की है।
उक्त अवैध कारोबार के विरुद्ध पूर्व के दिनों में कई बार प्रशासनिक स्तर से छापेमारी की गयी। कुछ दिनों तक शांत रहने के बाद नर्सिंग हेाम के संचालक फिर से अपना पांव पसारना शुरू कर देते हैं। वर्तमान में शहर में अस्पताल के आसपास, दर्जनों अवैध नर्सिंग होम का संचालन किया जा रहा है पूर्व के दिनों में ऐसे नर्सिंग होम को सील तक किया जा चुका है लेकिन जुगाड़तंत्र के सहारे धड़ल्ले से कई अवैध नर्सिंग होम का संचालन उदाकिशुनगंज में हो रहा है जिसे रोकने में प्रशासन पूरी तरह नाकाम है।

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