पटना /बिहार :-विधान परिषद में विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने शुक्रवार जातीय गणना में छह महीने देरी के बाद भी शुरू नहीं होने पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि एनडीए सरकार की कैबिनेट ने जून में जातीय गणना को मंजूरी दी लेकिन अब तक मात्र मकान की गिनती शुरू हुई है।
तोह वहीं पटना प्रदेश कार्यालय में जन कल्याण संवाद कार्यक्रम में लोगों की समस्या सुनने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए चौधरी ने कहा कि बिहार में महागठबंधन नहीं ठगबंधन और लठबन्धन है।
इसके साथ उन्होंने ये भी कहा कि यहां सरकार का स्वरूप ही नहीं है। यहां लुटेरों की, गुंडों की, अपराधियों की सरकार है। नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन उन्हें पटना में छात्रों पर लाठी चार्ज की जानकारी नहीं होती, चौसा में किसानों के घर में घुसकर लाठी चलाने वाली घटना का पता नहीं होता और न ही उनके मंत्री के राम चरित मानस पर दिए गए बयान को जानकारी होती है, ऐसा लगता है वे नेपाल के सीएम हैं।
उन्होंने जातीय गणना में हो रही देरी के लिए राजद को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि एनडीए की सरकार के कैबिनेट में जातीय गणना शुरू करने के लिए पास किए छह महीने गुजर गए, लेकिन अभी भी सही अर्थों में गणना शुरू नहीं हुई है। अभी मात्र घरों की गिनती ही शुरू हुई है। उन्होंने कहा कि सत्ता बदलने के बाद इस गणना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
चौधरी ने कहा कि जब उन्हें बिहार की जानकारी ही नहीं होती तो बिहार को मुक्ति देकर कल्याण बिगहा जाकर आराम करें।
उन्होंने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरित मानस पर दिए गए बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सही अर्थों में शिक्षा मंत्री की मानसिक स्थिति खराब है। राजद को उनका इलाज कराना चाहिए, नही करा पाएगी तो मैं अपने खर्च पर भी इलाज करवाने को तैयार हू