पटना /बिहार :राजद ने अपना जनता दरबार शुरू किया। पहले दिन बड़े उत्साह के साथ मंत्री आलोक मेहता और इजराइल मंसूरी शामिल हुए। लेकिन, पहले दिन ही हंगामा हो गया। लगभग 150 लोग इस उम्मीद से पहुंचे थे कि उनकी फरियाद सुनी जाएगी और उनकी समस्या का समाधान होगा। लेकिन मुंह देख-देख कर मंत्री लोगों से मिलते रहे, इसके बावजूद एक भी फरियादी की समस्या का समाधान नही किया गया।
इसके साथ मनोज ने कहा कि जदयू में मंत्री सिर्फ प्रदेश कार्यालय में आकर कोरम पूरा करते है। उनके जनता दरबार मे आम जनता तो दूर कार्यकर्ता भी शामिल नही होते है। एक-आध लोग आते है तो उनकी भी फरियाद नही सुनी जाती है। सुनी भी जाती है तो उनका काम मंत्री नही करा पाते है। आम जनता और कार्यकर्ताओं को खाली हाथ ही लौटना पड़ता है। जदयू और आरजेडी कोटे के मंत्रियों में ये हिम्मत नही है कि वो किसी भी अधिकारी को फोन कर पाएं। क्योंकि बिहार में नीतीश कुमार के अलावा यदि कोई दूसरा अधिकारियों को ऑर्डर दें तो, उन्हें बर्दास्त नही होगा। यही वजह की मंत्री अधिकारियों को फोन करने से डरते हैं। इसलिए तो जनता दरबार मे एक भी फरियादी की समस्या का समाधान नही हो पाता है।